
उपाधि हासिल करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं बल्कि व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना, आत्मबल के साथ अनुशासन पैदा करना और चरित्र का निर्माण करना विद्यार्थी का मूल उद्देश्य होना चाहिए |
श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़ेमाननीय कुलाधिपति महोदय

एक विचार लें और उस विचार को अपना जीवन बना लें, उसके बारें में सोचे, उसी के सपने देखें, अपने दिल एवं दिमाग को उसे पूरा करने में लगा दें और अन्य सभी विचारों का त्याग कर दें | यही सफलता का मूल मंत्र है |
प्रो. कैलाश सोडानीकुलपति